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Budget 2023

सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास

सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास

यूनियन बजट 2023 में कृषि क्षेत्र एवं किसानों हेतु बेहद खास रहा है। एग्री क्रेडिट, डिजिटल तकनीक से खेती, ग्रीन एग्रीकल्चर, मिलेट, पशुपालन, मछली पालन, सहकार से समृद्धि, आदि पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है। भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा आम बजट-2023 प्रतुस्त किया गया है। वित्त मंत्री द्वारा साल 2023 के बजट में किसानों का विशेष तौर पर ख्याल किया गया है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। किसान समृद्धि योजना के उपरांत इस वर्ष सरकार ने विभिन्न अन्य योजनाएं चालू करने की घोषणा की है। सरकार द्वारा पशुपालकों एवं मछली पालन करने वाले किसानों के लिए भी कई कदम उठाए हैं। आम बजट को प्रस्तुत करते हुए भाषण के समय वित्त मंत्री द्वारा घोषणा की गई है, कि किसानों हेतु सहकार से समृद्धि आयोजन चलाया जाएगा।
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इसके माध्यम से 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटर आधारित बनाया जाना है। इसकी सहायता से किसानों को समृद्ध बनाने में सहायता प्राप्त होगी। इसके साथ ही घोषणा की गई है, कि मछली पालन एवं पशुपालन के क्षेत्र में कर्ज देना तीव्रता से किया जाएगा। मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना को जारी करने का निर्णय भी लिया गया है। साथ ही, सरकार द्वारा डिजिटल तकनीक के जरिए खेती को प्रोत्साहन देने का निर्णय किया गया है।
  • साल 2023 के कृषि बजट में कृषि क्षेत्र एवं किसानों हेतु बेहद अच्छा है।
  • सरकार ने कृषि स्टार्टअप हेतु 'डिजिटल एक्सीलेटर फंड' बनाएगी, जिसका कृषि निधि नाम रखा जाएगा।
  • मछली पालन हेतु सब-स्कीम के निर्धारित 6,000 करोड़ की धनराशि आंबटित की गई है।
  • कृषि क्रेडिट में वृद्धि कर 20 लाख करोड़ तक किया जाएगा।
  • निर्मला सीतारमण का कहना है, कि सरकार मोटे अनाज को प्रोत्साहन दे रही है। इसके लिए श्री अन्न योजना भी जारी की जा रही है।
  • बागवानी पैदावार की वृद्धि हेतु 2,200 करोड़ रुपए की धनराशि को आंबटित किया गया है।
  • खेती में डिजिटल बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित किया जाएगा। खेती-किसानी में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्राथमिकता मिलेगी।
  • भारत बनेगा ग्लोबल हब फॉर मिलेट
  • पोषक तत्व, खाद्यान सुरक्षा एवं किसानों की योजना हेतु मिलेट्स आयोजन किये जा रहे हैं।
  • कुंगनी, कुट्टू, श्रीअन्ना राड़ी, श्रीअन्ना बाजरा, श्रीअन्ना रामदाना समस्त किस्में स्वास्थ्य में लाभकारी हैं।
  • मिलेट्स में किसानों को बेहद सहायता प्रदान की जाएगी।
  • श्रीअन्ना का हब निर्मित करने का प्रयास किया जा रहा है।
  • श्रीअन्ना की पैदावार हेतु हैदराबाद के शोध संस्थानों से बेहद सहायता प्राप्त हो रही है।

सरकार "सहकार से समृद्धि" कार्यक्रम चलाएगी

सरकार द्वारा किसानों के लिए सहकार से समृद्धि कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से 63000 एग्री सोसायटी को कंप्यूटर आधारित किया जाना है। इसकी सहायता से किसानों को समृद्ध बनाने में सहायता प्राप्त होगी। मछलीपालन, पशुपालन की दिशा में कर्ज उपलब्ध कराने की गति तीव्र की जाएगी। मल्टीपर्पज कोरपोरेट सोसायटी को प्रोत्साहन दिया जाना है। मत्स्य पालन हेतु कोरपोरेट सोसायटी की संख्या में वृद्धि की जाएंगी।

प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा

आगामी तीन वर्ष में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती हेतु बढ़ावा दिया जाना है। 10 हजार बायो इनपुट शोध केंद्र बनाए जाएंगे। इसके लिए सूक्ष्म उर्वरकों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मिस्ट्री (मैन ग्रीन प्लांटेशन) पर अधिक बल दिया जाना है।
हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

हरियाणा कृषि बजट की अहम घोषणाएं, किसानों की होगी अच्छी आय

केंद्र सरकार ने अपने वित्त वर्ष साल 2023 से 2024 के लिए 1 फरवरी को नया बजट पेश किया था. जिसके बाद देश के अन्य राज्यों की सरकारें भी नये साल के बजट के साथ अपने मास्टर प्लान बताने लगी है. जिसमें उत्तर प्रदेश के साथ साथ राजस्थान और हरियाणा का बजट भी शामिल है. जहां हरियाणा की बात की जाए, तो राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी हरियाणा का नया बजट गुरुवार को पेश कर चुके हैं. वित्त वर्ष साल 2023  से 2024 के लिए पशुपालन के साथ कृषि, बागवानी, सहकारिता और बागवानी मुख्य बिंदु रहे. इन सभी क्षेत्रों के लिए सरकार की तरफ से 8 हजार 316 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्ताव रखा गया. हालांकि यह प्रस्ताव पीछले साल के बजट से लगभग 19 फीसद ज्यादा है. ऐसे में वित्त वर्ष 2023 से 2024 के लिए राज्य सरकार ने किसी तरह की कोई भी नई योजना का ऐलान नहीं किया है. ये भी पढ़ें: यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं इन सबके बीच किसानों के हित के बारे में सोचते हुए सरकार ने पहले से चली आ रही योजनाओं में कुछ खास बदलाव करते हुए राहत अनुदान पैकेज में बढ़ोतरी कर दी गयी है.

जानिए क्या हैं कृषि बजट की महत्वपूर्ण योजनाएं

  • हरियाण में भूजल संकट गहराता जा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए खरीफ सीजन में धान की सीधी बिजाई का प्रस्ताव सामने रखा है.
  • इस साल राज्य में लगभग दो लाख हेक्टेयर के हिसाब से रकबा धान की सीधी बिजाई का मास्टर प्लान है.
  • ढेंचा खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • ढेंचा खेती के लिए लगने वाली लागत सरकार ने प्रति एकड़ के हिसाब से 720 रुपये रखी है. जिसके तहत किसानों को लगभग 80 फीसद का अनुदान दिया जाएगा.
  • हरियाणा में गर्मीं के सीजन में मूंग का उत्पादन बढ़ाने का भी प्लान है.
  • मूंग के अच्छे उत्पादन के लिए करीब एक लाख एकड़ से ज्यादा जगह को कवरेज किया जाएगा.
  • ड्रोन तकनीक के जरिये खेती किसानी से जुड़े काम को आसान बनाने में मदद दिलाई जाएगी.
  • 500 युवा किसानों को ड्रोन चालने की ट्रेनिंग का भी प्रस्ताव रखा गया है.
  • लगभग 50 हजार एकड़ जमीन को कृषि योग्य बनाया जाएगा.
  • अच्छी गुणवत्ता वाले शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए हनी क्वालिटी लैब की स्थापना की जाएगी.
  • शहद व्यापार में नीति भी लागू की जाएगी.
  • पंचकूला, पिनगवां, नूह, झज्जर और मणिपुर में बागवानी फसलों के लिए तीन सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • पराली खरीद के लिए 1 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है.
  • पराली जलाने से जुड़ी समस्या को निपटाने के लिए चयनित एजेंसियों को खर्चों के लिए 15 सौ रुपये प्रति टन के हिसाब से दिया जाएगा.

नेचुरल फार्मिंग की ओर ज्यादा ध्यान

कृषि में लगने वाली लागत को कम करने के लिए नेचुरल फार्मिंग की तरफ ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, गाय पालन से लेकर कम बजट में अच्छी फसलों का उत्पादन करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी तरफ पर हरियाणा की सर्कन ने भी अपने इस नये बजट में 20 हजार एकड़ रकबे को नेचुरल फार्मिंग के लिए निर्धारित किया है. बता दें सरकार के इस कदम से कृषि विशेषज्ञों को मदद मिलेगी. इसके अलावा जींद और सिरसा जिले में कुल तीन नेचुरल फार्मिंग से जुड़े ट्रेनिंग सेंटर भी खोले जाएंगे.

पशु पालन के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं

हरियाणा को दूध के उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. किसान अपनी किसानी के साथ पशु पालन का भी काम करते हैं. हालांकि पशु पालन के विकास को लेकर सरकार पहले से ही कई तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन वित्त वर्ष 2023 से 2024 में इस सेक्टर में विकास के लिए हरियाणा पशुधन उत्थान की भी शुरुआत करने का प्लान है.
  • पशुधन की स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षा के लिए 70 नई मोबाइल पशु चिकित्सा युनिट की शुरुआत की जाएगी.
  • राज्य के कई हिस्सों में पशु चिकित्सा पालीटेक्निक की भी स्थापना की जाएगी.
  • दो हाईटेक वेटनरी पेट क्लिनिक फरीदाबाद और गुरुग्राम में शुरू किया जाएगा.
  • हरियाणा गौ सेवा आयोग ने 4 सौ करोड़ का बजट आवारा पशुओँ की सुरक्षा के लिए देने का ऐलान किया है. यह बजट पहले सिर 40 करोड़ रुपये ही था.
  • ग्राम पंचायतों की सहमती के बाद नई गौशालाओं की स्थापना की जाएगी.

नहीं झेलनी पड़ेगी पानी की किल्लत

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, सरकार ने पिछले कुछ सालों में सूक्ष्म सिंचाई की तरफ खास ध्यान दिया है. जिससे भूजल को संरक्षित करने में काफी मदद मिली है. जिसके बाद इसी कड़ी में बजट 2023 से 2024 के लिए सरकार उन गांवों में एक हजार पोजोमीटर की स्थापना करवाएगी जहां पानी की किल्लत है. इस योजना को नाम अटल भूजन योजना रखा गया है. हरियाणा सरकार का इस साल करीब ढ़ाई लाख एकड़ कृषि क्षेत्रफल को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ेगी. जिसके लिए 4 हजार ऑन फार्म वाटर टैंक का निर्माण किया जाएगा. बात गन्ने के उत्पान को बढ़ाने की करें तो उसके लिए भी सरकार के पिटारे से काफी कुछ निकला है. जहां राज्य में 2 लाख एकड़ पर जल संचय के लिए कई तरह के ढांचों की स्थापना करवाई जाएगी.
छत्तीसगढ़ के ‘भरोसे का बजट’ कितना भरोसेमंद, जानिए असल मायने

छत्तीसगढ़ के ‘भरोसे का बजट’ कितना भरोसेमंद, जानिए असल मायने

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल जल्द ही बजट पेश करने वाले हैं. उन्हों इस बजट को भरोसे का बजट नाम दिया है, हालांकि सीएम के पिटारे से जनता के लिए क्या कुछ निकलने वाला है,न और क्या यह बजट जनता की कसौटियों पर उतर पाएगा, इस बात से पर्दा तो बजट पेश होने के बाद ही उठेगा. लेकिन इससे पहले सीएम ने जनता के नाम संबोधन दिया. जिसमें उन्होंने कई अहम बातों का जिक्र किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बार के बजट को भरोसे का बजट कहा है. उन्होंने बजट को यह नाम प्रदेश की जनता जो संबोधन करते वक्त दिया. बजट में क्या ख़ास है, और इसके मायने क्या हैं, इसका बेसब्री से जनता को इन्तजार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम ने गृह विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, रोजगार विभाग और सड़क विभाग से जुड़े अलग अलग मंत्रियों के साथ साथ अफसरों से भी चर्चा की और उसी के आधार पर बजट की रूप रेखा को तैयार किया.

सीएम के कार्यकाल का आखिरी बजट बेहद ख़ास

बताया जा रहा है कि, भूपेश सिंह बघेल सीएम और वित्त मंत्री दोनों का जिम्मा खुद उठा रहे हैं. उनके कार्यकाल का यह आखिरी बजट है. जिस वजह से इस बजट को बेहद खास बताया जा रहा है. विधानसभा चुनाव साल 2023 के चलते हर वर्ग और हर तबके के लोगों को साधने की तैयारी है. वहीं जो कर्मचारी सरकार की नीतियों से रूठे हैं, उन्हें मनाने की कोशिश भी इस बार के बजट में की जाएगी. इसके अलावा सालों से लम्बित पड़ी मांगों को भी पूरा किया जा सकता है. वहीं छत्तीसगढ़ के इस साल के बजट में नियमित समय कई तरह की जनता से जुड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं.

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बजट में किसानों को मिल सकती है सौगात

किसानों के जरिये सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार किसानों के हित में बजट के पिटारे से कुछ खास घोषणाएं कर सकती है. हालांकि राज्य में धान की खेती सबसे ज्यादा की जाती है, जिसपर राजनीती भी केन्द्रित रहती है. बताया जा रहा है कि, धान पर बोनस को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार के बीच हमेशा से ही खींचतान रहती है. जिस बझ से छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हित में बड़ा ऐलान कर सजती है. खबरों के मुताबिक धान के अलावा अन्य खाद्यान के समर्थन मूल को लेकर बड़ा तोहफा दिया जा सकता है. वहीं खेती और किसानी से जुड़े उपकरणों में करों में छूट देने के साथ सब्सिडी को बढ़ाया जा सकता है.

अनियमित संविदा कर्मचारियों के सपने हो सकते हैं पूरे

छत्तीसगढ़ के बजट में अनियमित संविदा कर्मचारियों को अच्छी खबर मिल सकती है. बजट के जरिये उनका सपना पूरा हो सकता है. बताया जा रहा है कि, कर्मचारियों के संविलियन की राह आसान हो सकती है. इसके अलावा युवाओं के लिए नौकरी, पुलिस में भर्ती और और शिक्षक में भर्ती समेत कई अहम ऐलान हो सकता है.

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युवाओं और महिलाओं के लिए भी खास है बजट

इस बजट में युवाओं और महिलाओं के लिए भी काफी कुछ हो सकता है. जिसमें स्टार्टअप योजना से लेकर इनोवेशन सेंटर खोलने और महिलाओं को सेल्फ डिपेंड बनाने को लक्सर बड़ा ऐलान किया जा सकता है.

यहां पर भी सरकार की नजर

अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी वर्ग को वोट को साधने का सरकार का सबसे बड़ा मास्टर प्लान है. जिसके लिए सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है.
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

जलवायु बदलाव के दुष्परिणामों की वजह से फसल को बेहद हानि का सामना करना पड़ रहा था। परंतु, फिलहाल नव वर्ष के बजट से इस चिंता का भी समाधान कर दूर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1 रुपये ब्याज पर फसल बीमा देने की घोषणा की गई है। आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम झेल रहा है। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव खेती किसानी पर देखने को मिल रहा है। आकस्मिक बारिश, ओले, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलें क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। जो कि ऐसी स्थिति है जब स्वयं किसान भी आर्थिक समस्याओं में फंस जाते हैं। देश में भी जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं। बीते वर्ष विभिन्न राज्यों में मौस्मिक मार से काफी फसल हानि देखी गई है। महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां देखने को मिलीं हैं। किसानों को बड़ी हानि से बचाने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई थी। परंतु, हाल ही में इस परेशानी का स्थायी समाधान निकालते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 1 रुपये में फसल बीमा करवाने का ऐलान किया है।

मात्र 1 रुपये ब्याज पर मिल पाएगा फसल का बीमा

देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है। बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।

राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है। यह भी पढ़ें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला? प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि

कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं। नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
महिला निधि योजना के अंतर्गत लोन लेने पर सरकार देगी 8 प्रतिशत ब्याज का अनुदान

महिला निधि योजना के अंतर्गत लोन लेने पर सरकार देगी 8 प्रतिशत ब्याज का अनुदान

राजस्थान की सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नित नए प्रयास करती रहती है। इसके लिए अब सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के महिला निधि योजना में बड़ा संशोधन किया है। सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि अब सरकार महिला निधि के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को देने वाले लोन पर 8 प्रतिशत का अनुदान देगी। इसके लिए राज्य सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान को भी मंजूरी दी है। जानकारी के अनुसार, गहलोत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को 2 साल की समय सीमा पर मिलने वाले 1 लाख रुपये के लोन पर 8 प्रतिशत ब्याज का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान से महिलाओं को सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान में मदद मिलेगी। राजस्थान की सरकार पहले भी ऐसी योजनाओं को राज्य में लागू कर चुकी है ताकि महिलायें भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ सकें। इनके अलावा महिला उत्थान के लिए कई अन्य योजनाएं भी हैं जिन पर अभी काम चल रहा है। निकट भविष्य में इनके धरातल पर उतरने की पूर्ण संभावनाएं हैं। इसके पहले 26 अगस्त 2022 को सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय प्रबंधन के लिए 'राजस्थान महिला निधि' की शुरुआत की थी। यह शुरुआत 'महिला समानता दिवस' के मौके पर की गई थी। 'राजस्थान महिला निधि' का लक्ष्य महिलाओं को बेहद आसानी से स्वरोजगार हेतु पर्याप्त मात्रा में लोन उपलब्ध करवाना है।

इसलिए शुरू की गई थी 'महिला निधि योजना'

राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया है कि 'महिला निधि योजना' की शुरुआत महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने और महिलाओं के कौशल के विकास के लिए की गई है। इससे महिलायें सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से उन्नति करेंगी। अभी तक राजस्थान में 36 लाख परिवार इस योजना का लाभ ले चुके हैं। ये भी पढ़े: इस राज्य में 3000 महिलाएं होंगी सशक्त 1705 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा पौष्टिक आहार राजस्थान के पहले तेलंगाना में भी 'महिला निधि योजना' की स्थापना की गई थी। राजस्थान इस योजना को लागू करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। इस योजना के अंतर्गत 40 हाजर रुपये तक का लोन मात्र 48 घंटे के भीतर मिल जाता है। 40 हजार रुपये से ज्यादा का लोन 15 दिन के भीतर दे दिया जाता है।

'महिला निधि योजना' के लिए पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज

इस योजना के अंतर्गत राजस्थान में रहने वाली सभी महिलायें एवं स्वयं सहायता समूह आवेदन कर सकते हैं। 'महिला निधि योजना' के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ होना आवश्यक है। यह योजना हाल ही में शुरू की गई है इसलिए इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए अभी तक कोई वेबसाइट नहीं बनाई गई है। जैसे ही सरकार की तरफ से वेबसाइट की स्वीकृति मिल जाती है तो महिलायें बेहद आसानी से वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर पाएंगी।
कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किया अहम बदलाव

यदि आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र हैं। तो ऐसे में आपके लिए एक बड़ी खबर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिसका प्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव देश के 8 करोड़ से अधिक किसानों के ऊपर पड़ेगा। भारत सरकार शीघ्र ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित करने वाली है। अब ऐसे में योजना की 14वीं किस्त को जारी करने से पूर्व सरकार ने कुछ जरूरी बदलाव योजना के अंदर किए हैं। वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी स्टेटस देखने का ढ़ंग पूर्णतय बदल गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने पीएम किसान मोबाइल एप भी जारी किया है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने का तरीका फिलहाल परिवर्तित हो चुका है। बेनिफिशियरी स्टेटस को देखने के लिए आपको फिलहाल रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता पड़ेगी।

कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल ऐप जारी किया

साथ ही, फर्जीवाड़े की रोकथाम करने के मकसद से केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान मोबाइल एप को भी जारी किया है। इस ऐप की विशेष बात यह है, कि यह फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक से युक्त है।

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अब किसान ऐप से कर सकेंगे किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया
जानकारी के लिए बतादें कि इस एप की सहायता से किसान बड़ी सहजता से फेस ऑथेंटिकेशन की मदद से अपनी ई-केवाईसी करा सकते हैं। अब ऐसी स्थिति में उनको वन टाइम पासवर्ड एवं फिंगरप्रिंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

15 जुलाई से पहले आ सकती है 14वीं किस्त

भारत सरकार की तरफ से अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। अब ऐसी स्थिति में देशभर में करोड़ों किसान इस स्कीम की 14वीं किस्त का बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, तो भारत सरकार 15 जुलाई से पूर्व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त की धनराशि को हस्तांतरित कर सकती है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसको लेकर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी के बजट में किसानों पर दिया गया है ख़ास ध्यान; जानें क्या है नई घोषणाएं

यूपी सरकार द्वारा साल 2023-24  के लिए बजट पेश किया जा चुका है. आंकड़ों से पता चला है कि इस बार सरकार ने बजट में 7 लाख करोड़ रुपए का बताया है जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है.यह बजट सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किया गया जिन्होंने सातवीं बार लगातार यह बजट पेश किया है. यूपी सरकार द्वारा लाए गए इस बजट में सबसे पहले और कई महत्वपूर्ण बातें किसानों पर की गई हैं. बजट पेश करते समय सुरेश खन्ना ने कुछ आंकड़े सामने रखे जिनके अनुसार कहा गया है कि यूपी में लगभग 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है और  इसी के चलते प्रदेश दूध, गन्ना, चीनी प्रोडक्शन और इथेनॉल की आपूर्ति में देश में पहले नंबर पर है.साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि डीवीडी के जरिए किसानों को डायरेक्ट खाते में पैसे भेजने वाला उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसमें किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे जमा किए हैं.

इस बजट में किसानों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई साथ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई जो इस प्रकार से हैं;

  1. सरकार द्वारा ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसके तहत किसानों को खेती की नई तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा.साल 2023-24 मैं यूपी सरकार ऐसी 170000 किसान पाठशाला में आयोजित करेंगी जिनमें उन्हें यह जानकारी दी जाएगी.
  2. यूपी सरकार ने नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रूपए  देने की बात कही है.
  3. यूपी सरकार नेशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर फार्मिंग योजना को काफी महत्व दे रही है और इसके तहत राज्य में 49 जिलों में प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है जो गौ आधारित है. इस बजट में सरकार ने इस योजना को 113 करोड़ 52 लाख रूपए  प्रस्तावित किए हैं.
  4. सरकार ने इस बजट में निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर बिजली आपूर्ति करवाने की बात भी कही है और इस योजना को पूरा करने के लिए  1950 करोड रुपए बजट में रखे गए हैं.
  5. यूपी सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रूपए का बजट  रखा गया है.
  6. आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना के लिए भी सरकार ने अच्छा खासा बजट इस बार निकाला है जो 100 करोड रुपए है.
  7. सरकारों को उनकी फ्रॉक का इंश्योरेंस देना भी योगी सरकार का हमेशा से महत्व रहा है और इसीलिए इस बजट में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस योजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है.
  8.  इन सबके अलावा सिंचाई और कृषि शिक्षा के लिए भी सरकार ने अलग से कई तरह की योजनाएं बनाने का फैसला किया है जिनके तहत  बजट का आवंटन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: सरकार ने जारी किया बजट, आइए जानते हैं इस बजट में क्या है खास बजट पेश करते वक्त यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कृषि और किसानों से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण बातें कहीं.  उन्होंने बताया कि  2017 से 2023 तक 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को 1 लाख 96 हजार करोड़ रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. इस दौरान ना सिर्फ गन्ने की प्रोडक्शन में बढ़ावा हुआ है बल्कि किसानों की आय भी प्रति हेक्टेयर की दर से काफी अच्छी तरह से बढ़ी है. उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों से पता चलता है कि अंत फसल की खेती से किसानों को लगभग 25% की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. विपणन वर्ष के दौरान 87 हजार 991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। PFMS पोर्टल के जरिए से 675 करोड़ का भुगतान किया गया है.

जैसा कि बताया गया है कि यूपी एक ऐसा राज्य बन गया है जिसने DBT के जरिए किसानों के खाते में सबसे ज्यादा पैसे  डाले हैं.

आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2022- 23 में पीएम सम्मान निधि से 51 हजार 639.68 करोड़ से ज्यादा अमाउंट DBT के जरिए किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई. अभी के बजट में किसान पेंशन योजना के लिए 7 हजार 248 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है. अर्थशास्त्र एक्सपर्ट डॉक्टर मुलायम सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि  दूध,  गन्ना और चीनी के उत्पादन में यूपी हमेशा से ही नंबर वन रहा है और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन उन्होंने सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाए जाने वाली राशि को बहुत ही सराहनीय कदम बताया है. इसके अलावा उन्होंने इस बजट पर एक और टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने नई घोषणाएं करने की बजाय अपनी पिछली उपलब्धियों को ज्यादा बनवाया है. इसके अलावा उन्होंने छुट्टा गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार द्वारा 750 करोड़ रुपए की बजट घोषणा करने को भी किसानों के लिए एक अच्छा कदम बताया है.